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“Bank में शिकायत कैसे करें ? जब EMI, रिफंड या डिफॉल्ट में गड़बड़ी हो (2025 का Guide)” ............ Akhilesh Kumar Shukla

  बैंक में शिकायत कैसे करें ? EMI, रिफंड या डिफॉल्ट की गड़बड़ी में पहला कदम जब भी आपके साथ निम्नलिखित में से कोई मामला हो: 1.          EMI कट गई लेकिन खाता अपडेट नहीं हुआ 2.       लोन अकाउंट बंद होने के बाद भी बकाया दिख रहा है 3.       बैंक बार-बार कॉल कर रहा है जबकि सब भुगतान हो चुका है 4.       गलत DPD या डिफॉल्ट का मैसेज CIBIL में जा चुका है ... तो सबसे पहले आपको RBI से नहीं , बैंक या NBFC के Grievance Cell में लिखित शिकायत करनी चाहिए। --- Step-by-Step: बैंक/ NBFC में शिकायत कैसे करें ? Step 1: कस्टमर केयर को कॉल या ईमेल करें - SBI, ICICI, Bajaj, PostPe, किसी भी कंपनी की वेबसाइट पर कस्टमर केयर details होती हैं नोट- अपने केस का Ticket number ज़रूर लें उदाहरण: 1.         Subject: Request for EMI refund and account correction Message: My EMI of ₹6,069 was deducted on 5 July 2025 but not reflected. Kindly look into it...

प्रीत

      प्रीत तेरे रंग की रंगत में, कही रंग ना जाउं, तेरे साथ रहने की, कसमें ही खाउ, निज प्रेम से बांध लूं, अब तुम्हे मैं, मेरे माधव को मै ही, चवर बस घुमाउ, समझता जगत ये, पागल भिखारी, फटी सी दुशाला से, फिर भी तुझको रिझाउ, हे मेरे कान्हा, बांके बिहारी, जब प्रीती में तेरे, तो शरण किसके जाऊ ।                                                                    पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल

अनकही

अनकही           सुनीता ! सुनीता ! राहुल नहाते हुए बाथरूम से अपनी पत्नी को दो बार आवाज देता है लेकिन सुनीता किचन में भोजन बना रही थी , बीच-बीच में आकर कमरें में एक-एक सामान यादकर राहुल के जरूरी सामानों के बेड पर रख रही थी । दो-तीन शर्ट देखने के बाद एक शर्ट-पैन्ट निकालकर बेड पर रख देती है । सुनीता भी किचन से आने के कारण पसीने से पूरी तरह लथपथ थी तो अपनें आंचल से शीशे में मुंह देखकर उसे पोछते हुए उसी आंचल से अपने चेहरे को हवा देने के कारण वह राहुल की आवाज नही सुन पाती है ।           तभी अचानक बाथरूम का दरवाजा खुलता है और राहुल एक तेज आवाज में जोर से चिल्लाता है सुनीता । ध्यान कहां है तुम्हारा ? दिन भर बैठकर अपना खुसट सा चेहरा आईना में देखती रहती हो । कितनी बार बोला हुं कि तौलिया बाथरूम में रख दिया करों नहाते वक्त । एक तो लेट हो रहा है आफिस जाने के लिए और एक तुम हो कि एक काम नही कर सकती हो । सुबह से बस बैठी हो बिना बोले तुम एक काम नही कर सकती हो ।           सुनीता को अब तक नही समझ आया कि राहुल किस ब...

श्रीराम स्तुति

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राजीवलोचन भगवान श्रीरामचन्द्र की यह स्तुति सप्ताक्षरी है । इसके प्रत्येक चरण में 7 अक्षर(आधे अक्षर की गिनती नही की जाएगी) तथा एक लाइन में 14 अक्षर है ।  जामदग्न्यमहादर्पदलन -   परशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करने वाले प्रभु श्रीराम श्रीराम स्तुति ब्रह्माजी विवस्वान, इक्ष्वाकु औ ' विकुक्षि, त्रिशंकु हरिश्चन्द्र, राम के पूर्वज है । दिलीप भगीरथ,शंखड़ सुदर्शन , नहूष ययाति के, कुल के दीपक है । प्रपौत्र नाभाग के, पौत्र है ये अज के , सुर्यवंशी कुल के, नाम रघुकुल है । लाल है कौशल्या के, पुत्र दशरथ के, भ्राता है लखन के, अयोध्या के राजा है । जमाई है जनक के, पति मातु सीता के, शिष्य विश्वामित्र के, सुग्रीव के मित्र है । सेवक कपीस है, झुकें दसशीश है , पूजते हरीश है, कहें जगदीश है । ऐसे जितेन्द्रिय जितक्रोध: जितलोभ, जामदग्न्यमहादर्पदलन राघव को, भक्त अखिलेश का,साष्टांग प्रणाम है । पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल चित्रः गुगल साभार

कथा और कथानक

कथा और कथानक कथा एवं कथानक दोनो ही शब्द संस्कृत के कथ धातु से बने हुए है । कथा का मतलब होता है महात्म्य या कोई कहानी लेकिन हमारे धर्म में कथा का सबसे प्रचलित रूप है किसी ईश्वरीय गाथा को पूर्ण मनोयोग एवं विधि-विधान के साथ सुनना । कथानक का अर्थ है किसी रचना की आदि से अंत तक की सब बातों का सामूहिक रूप । आइए आज हम इस पर विस्तृत रूप से चर्चा करते है।           आज से कुछ समय पहले मेरे यहां भगवान श्री सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ । प्रायः यह देखा गया है कि कथा का आयोजन दिन के मध्य अर्थात् दोपहर के समय ही किया जाता है जिससे कि सभी व्यक्ति अपने कार्यों को पूर्ण करके यथा समय कथा को सुनने के लिए एकत्रित हो सकें और भगवान की कथा का रसास्वादन कर सकें । सभी व्यक्ति एकत्रित तो कथा सुनने के लिए होते है लेकिन उनकी चर्चा कथा से दूर हटकर कथानक का स्वरूप ले लेती है ।           दोपहर के समय बारी-बारी से गांव की महिलाएं और प्रत्येक घर से व्यक्ति अब मेरे दरवाजे पर आने लगे थे कथा सुनने के लिए । एक घन्टे के अन्दर...

जी सर

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जी सर वर्तमान समय में समाज के शिक्षित एवं विकसित बौद्धिक स्तर वाले व्यक्तियों में एक शब्द जी सर का अत्य़धिक मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है । जी सर और सर जी शब्द में इतना विशाल अन्तर होगा यह तो आपको किसी आफिस में जाने पर ही पता चलेगा । सर जी एक प्रकार से प्रश्नवाचक शब्द है, जब आपको किसी व्यक्ति या अपने से वरिष्ठ व्यक्ति से कुछ पुछना हो तो वहां पर इस शब्द का प्रयोग कर सकते है परन्तु जी सर, जी हुजूरी का शब्द है जिसे आप खुश रखने के साथ ही अन्य मह्तवपूर्ण स्थानों पर भी कर सकते है । जी सर शब्द बोलने वाला व्यक्ति कभी-कभी आत्म-ग्लानि से भरा हुआ होता है परन्तु जी सर शब्द सुनने वाला व्यक्ति सदैव ही आत्ममुग्ध होता है तथा अपने आपको सदैव गर्वान्वित महसुस करता है ।           समस्त कार्यालयों में जितने भी जुनियर कर्मचारी है, वह अपने अधिकारियों से जब भी कोई वार्ता करते है तो वहां पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बोले गए शब्दों का अक्षरशः पालन करने हेतु जी सर शब्द का प्रयोग किया जाता है । यदि दो वार्ता करने वाले व्यक्तियों के मध्य दो पद से अधिक का अन...

श्रीकृष्ण स्तुति

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   ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे ।।   श्रीकृष्ण स्तुति कान्हा के मग में, मीरा मगन हैं । केशव के नख में, गगन ये नगण है । गोपियों के रंग में, माधव रगन है । देखि ये मरम उधौ, हृदय नमन है । देवकी के लाल है , काल है कंस के, बाल है यशोदा के, लाल नन्द नन्द के । ब्रज के रज है, धुलि है मग के, चिह्न है कान्हा के, पग है चलन के । ग्वालन के मोहन है, वट है कानन के, चोर है माखन के , नयन चतुरानन के । श्रीदामा के साथी है, साथ है सुदामा के, मित्र है मधुमंगल के, पितृ प्रतिभानु के । संगी है विशाल के, मनमीत है रसाल के, बाहु है सुबाहु के, बुभुक्षु भोज-भोज के । संदीपनी के शिष्य है, प्रियतम है राधा के , सखा है अर्जुने के , गोप ग्वाल संग के । शरण है कमला के, नीर है कालिन्दी के, चक्षु में है सत्या के, वक्ष जाम्बवती के । भद्रा के भरण है, प्रीति है मित्रबिन्द्रा से , स्नेह है लक्ष्मणा के, गोपिन के शेष है ।         गोपिन के मीत है, प्रीति है सत्यभामा के,...