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Wednesday, May 27, 2020

श्रीराम स्तुति


राजीवलोचन भगवान श्रीरामचन्द्र की यह स्तुति सप्ताक्षरी है । इसके प्रत्येक चरण में 7 अक्षर(आधे अक्षर की गिनती नही की जाएगी) तथा एक लाइन में 14 अक्षर है । 
जामदग्न्यमहादर्पदलन -  परशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करने वाले प्रभु श्रीराम


श्रीराम स्तुति

ब्रह्माजी विवस्वान, इक्ष्वाकु औ' विकुक्षि,
त्रिशंकु हरिश्चन्द्र, राम के पूर्वज है ।
दिलीप भगीरथ,शंखड़ सुदर्शन ,
नहूष ययाति के, कुल के दीपक है ।
प्रपौत्र नाभाग के, पौत्र है ये अज के ,
सुर्यवंशी कुल के, नाम रघुकुल है ।
लाल है कौशल्या के, पुत्र दशरथ के,
भ्राता है लखन के, अयोध्या के राजा है ।
जमाई है जनक के, पति मातु सीता के,
शिष्य विश्वामित्र के, सुग्रीव के मित्र है ।
सेवक कपीस है, झुकें दसशीश है ,
पूजते हरीश है, कहें जगदीश है ।
ऐसे जितेन्द्रिय जितक्रोध: जितलोभ,
जामदग्न्यमहादर्पदलन राघव को,
भक्त अखिलेश का,साष्टांग प्रणाम है ।
पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल
चित्रः गुगल साभार

प्रीत

      प्रीत तेरे रंग की रंगत में, कही रंग ना जाउं, तेरे साथ रहने की, कसमें ही खाउ, निज प्रेम से बांध लूं, अब तुम्हे मैं, मेरे ...