पिता (Haiku
poem)
(Haiku poetry)
संगिनी मेरी,
प्रसव वेदना से,
खुशियां भरी ।
कांपते होठ,
कराहती शरीर,
जननी मरी ।
लाश थी पड़ी,
बगल में थी परी,
दुध की कमी ।
दुखित पिता,
समेटता कफन,
दग्ध हृदय ।
परी की खुशी,
का ध्यान न था अब,
पाषाण सा मैं ।
कष्ट था मुझे,
स्वप्न सब मिटे,
अश्रु है गिरें ।
कान में मेरे,
आवाज थी परी की,
पड़ी थी वही ।
श्वास भी मेरी,
ये फांस है गले की,
छीन लो इसे ।
हे महाकाल,
ये लेखनी मिटा दे,
भाल के मेरे ।
पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल की (Haiku poem)
हाइकु कविता -
हाइकु एक जापानी कविता की विधा है । जिसमें रचनाएं तीन
पंक्ति में होती है तथा इसमें छन्द, तुकान्त
एवं अलंकार आदि की कोई बाध्यता नही होती है । हाइकु विधा को भारत देश में
सर्वप्रथम नोबेल पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार/कवि /लेखक गुरू श्री रविन्द्र
नाथ टैगोर जी ने प्रयोग किया था । हाइकु कविता के तीन पंक्ति की रचना में प्रथम
पंक्ति में पांच अक्षर, द्वितीय पंक्ति में सात अक्षर तथा
तृतीय पंक्ति में पुनः पांच अक्षर होते है । इसमें अक्षरों का क्रम क्रमशः 5-7-5
होता है । इस विधा में अर्द्धशब्दों की अक्षर में गिनती नही करते है । इनकी गणना
शुन्य में होती है । हाइकु कविता में यदि आप तुकान्त का प्रयोग करते है तो आपकी
कविता और भी सुन्दर हो जाती है परन्तु इसकी कोई बाध्यता नही होती है । हाइकु विधा
को प्रकृति की कविता लेखन की एक महत्वपुर्ण विधा मानी जाती है ।
Haiku Poems -
Haiku is a Japanese poetry genre.
In which the compositions are in three lines and there is
no compulsion of verses, rhyme and ornamentation etc. The Haiku genre was first used in India by the Nobel Prize litterateur/poet/writer Guru Shree Ravindra Nath Tagore. The three-line composition of haiku poetry consists of five letters in the first line, seven letters in the second line and five letters in the third line. The order of letters in this is 5-7-5 respectively. In this mode, semi-words are not counted in letters. They are counted in zero. If you use rhyme in haiku poetry, your poem becomes more beautiful but there is no compulsion. The Haiku genre is considered an important genre of poetry writing in nature.
(Haiku poetry) |
सुन्दर।
ReplyDeleteआदरणीय सादर प्रणाम,
Deleteइस विषय में मुझे कोई विशेष जानकारी नही है और यह मेरी हाइकु विधा में मेरी प्रथम रचना है । अगर कही कोई कमी हो तो विशेष अनुरोध है कि आप मेरा यथोचित मार्गदर्शन अवश्य करें ।
Ji
ReplyDeleteThanks
DeleteBadhiya
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
DeleteIt's very nice keep it up
ReplyDeleteआपका इसी तरह से उत्साहवर्धन करते रहें ।
DeleteHaiku vidha me ek achchha prayas h apka. Pita ki antarvedana Ka akshrashah chhayankan Kiya h apane. Nice keep it up.
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