नाद
प्रेयसी के कंगन,
भौरों की गुंजन,
कोयलों की कुंजन,
खिला हुआ उपवन,
हर्षित हुआ ये मन,
नदियों की कल-कल,
बच्चों की चहल-पहल,
वृक्षों का फल,
सुर-सरि का बहता हुआ,
संगम का ये जल,
पूछ रहा स्वर में आज....
क्या यही तेरा नाद है ?
क्या यही तेरा नाद है ?
टूटते कंगन,
अश्रुओं का क्रन्दन
भाव का स्पन्दन,
बुद्धजीवियों का अवनमन,
लघुता की निर्लज्ज पहल,
होता अपने आप सफल,
मानवता की दुर्भिक्ष आग,
चेहरों में लिपटा लिबास,
उजड़े चमन का यह पराग,
कामिनियों का वीतराग,
भैरवी का रचित स्वांग,
जड़ता का यह मूल नाश,
इंसानों में उत्पन्न विषाद,
पूछ रहा स्वर में आज,
क्या यही तेरा नाद है ?
होंठ में सुरा,
पीठ में छूरा,
धूंधली हुयी तस्वीर,
फीकी पड़ी लकीर,
नीरस हुआ यह मन,
पतझड़ भरा बसन्त,
दुर्भिक्ष सा ये काल,
अकाल बना ब्याल,
अनाथ हुए बच्चें,
बुझता हुआ चिराग,
चीखती विधवा विलाप,
श्मशान की ये आग,
बता रहा प्रतिपल तुझे,
काग का ये स्वर,
हाँ ! यही तेरा नाद है ।
मिट गया अकाल,
बुझ गया मसान,
सिंचित हुआ ये वन,
महकती उपवन,
निर्बल हुए सबल,
मेहनत का मिला फल,
बोल उठे कंगन,
चहक उठी आंगन,
नूपूर आज बज रहा,
प्रणय-मिलन हो रहा,
पतंग आज उड़ चली,
बयार बहने लगी,
बादल उमड़ने लगा,
द्रुति गर्जना करने लगा,
उनमुक्त स्वर में आज फिर,
प्रकृति पूछने लगी....
क्या यही तेरा नाद है ?
स्वपन से परे,
नींर से भरें,
अकिंचन सा खड़ा मैं,
रूदन भरें गलें,
कंपित शरीर से,
सहसा मैं बोल पड़ा..
हाँ ! यही मेरा नाद है ।
हाँ ! यही मेरा नाद है ।
पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल
For more Just visit bakhani.com.This poem also availabe at Bakhani.
पं0 अखिलेश कुमार शुक्ल
For more Just visit bakhani.com.This poem also availabe at Bakhani.
Very nice
ReplyDeleteसाभार मित्र
Deleteसुन्दर रचना👌👌🙌
ReplyDeleteस्नेह आपका
Deleteअतिसराहनीय पंक्ति
ReplyDeleteआपके आशीर्वाद से प्रथम प्रयास है ।
DeleteAti sundar lekh ,,,
ReplyDeleteधन्यवाद ।
DeleteWow... Very nice ...शब्दों का बहुत बारीकी से प्रयोग किया है।
ReplyDeleteअन्तर्मन से धन्यवाद आपको ।
Deleteअतिसुंदर कविता है, मन हर्षित हो जाता है पढ़ के।
ReplyDeleteधन्यवाद मित्र
DeleteAti Sundar rachna man harshit ho utha💐💐
ReplyDeleteकिंचित मैं, सिंचित मन प्यारे अनुज ।
DeleteGood keep it up
ReplyDeleteI will try my best .
DeleteAti Sundar
ReplyDeleteNice lines
धन्यवाद ।
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद मित्र
Deleteबड़ी सारगर्भित रचना है भाई ।
ReplyDeleteबस ऐसे ही सहयोग करते रहिए मित्र
Delete
ReplyDelete👌🏻
..
Deleteबहुत ही सुन्दर लाइन दिल छू लिया
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
DeleteBahut badhiya
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteNice
ReplyDeleteHesrt touching
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDeletethaku bhai
DeleteBahut sunder
ReplyDeletealot of thanks
DeleteThanku sir
ReplyDeleteBahut badhiya
ReplyDelete